प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले बीपी जरूर नॉर्मल रहना चाहिए डॉ अर्चिता महाजन

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Bijnor Today
Post Date:10 Dec 2024

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नॉर्मल नहीं है तो थोड़ा रुको डाइट और योग की मदद लें 
 
WHO के अनुसार 46% वयस्कों को पता ही नहीं होता कि उनका बीपी हाई है। 
 
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जब माँ का रक्तचाप अधिक होता है, तो बच्चे को बढ़ने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलना मुश्किल होता है। इस कारण माँ बच्चे को समय से पहले जन्म दे सकती है।विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित 46% वयस्कों को पता ही नहीं होता कि उनका बीपी हाई है।प्रीक्लेम्पसिया तब होता है जब किसी महिला का पहले सामान्य रक्तचाप होता था, लेकिन गर्भावस्था के 20 सप्ताह बाद अचानक उसे उच्च रक्तचाप* और मूत्र में प्रोटीन या अन्य समस्याएं होने लगती हैं।
 
जिन महिलाओं को क्रोनिक उच्च रक्तचाप है, उन्हें भी प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। प्री-एक्लेम्पसिया और उससे जुड़ी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है. स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. प्लेसेंटा को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता, जिससे बच्चे को कम ऑक्सीजन और भोजन मिलता है. बच्चे का वज़न कम हो सकता है और समय से पहले जन्म हो सकता है. प्लेसेंटल एब्रप्शन हो सकता है, जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग हो जाता है. यह स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है.गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप बढ़ जाता है, तो यह आपके हृदय और गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
 
इससे हृदय रोग, किडनी रोग और स्ट्रोक हो सकता है । गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से प्रीक्लेम्पसिया, समय से पहले जन्म, गर्भनाल में रुकावट और सिजेरियन जन्म का खतरा भी बढ़ जाता है।सफ़ेद नमक की जगह लो सोडियम साल्ट जैसे सेंधा नमक का इस्तेमाल करें.अपने आहार में पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीज़ें खाएं.घर में ही थोड़ी-थोड़ी देर बाद जरूर  टहलें.टहलते समय अच्छा संगीत सुनें या मेडिटेशन करें.हल्का वर्कआउट करें.कैफ़ीन, स्मोकिंग, और सॉफ़्ट ड्रिंक से परहेज़ करें.