डॉ अर्चिता महाजन :- न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जब थोड़ा बहुत चलने से ही सांस फूलने लगे तो तुरंत कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड जरूर चेक करें। जब खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक बढ़ जाती है ,तो शरीर में मौजूद रक्त वाहिकाओं में बाधा उत्पन्न होने लगता है और वे ब्लॉक होने लगते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर हाथ और पैरों में झनझनाहट या करंट जैसा महसूस होता है।
कुछ लोगों को साथ में दर्द भी महसूस होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से सांस फूलने की समस्या हो सकती है: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हृदय या फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है. धमनियों में प्लाक जमा होने से ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति कई अंगों तक सीमित हो जाती है, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ और लक्षण: थकान और कमज़ोरी, सीने में दर्द या बेचैनी, स्किन पर पीले रंग का जमाव, हाथ-पैरों में झुनझुनी, रात में लेटने पर तलवों का ठंडा होना. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए, आप ये उपाय कर सकते हैं: स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें, तंबाकू और अल्कोहल का सेवन न करें, वज़न नियंत्रण करें, डॉक्टर के सलाह पर दवाएं लेंशरीर में बनने वाला खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों को अवरुद्ध कर देता है और हृदय के लिए पर्याप्त रक्त पंप करना कठिन बना देता है. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है. थकान-कमजोरी: रात के समय अत्यधिक थकान और कमजोरी भी हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता हैऐसे लोगों को अक्सर हाथ और पैरों में झनझनाहट या करंट जैसा महसूस होता है।
हाथों और पैरों में झुनझुनी करंट जैसा महसूस होता है तो भी उच्च कोलेस्ट्रॉल का संकेत है